इनकम टैक्स रिफंड में क्यों हो रही देरी? Why are delay income tax refund.
जैसे कि आपको मालूम होगा कि इस बार 31 मार्च 2025 को समाप्त हुए साल की इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर थी। लेकिन बाद में इसे एक दिन के लिए बढ़ाया गया था।
लेकिन अभी तक कई टैक्सपेयर्स के जून- जुलाई में रिटर्न फाइल करने के बाद भी अभी तक रिफंड नहीं आया है। खास बात यह है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनके रिटर्न को प्रोसेस भी तक नहीं किया है।
इस बार कर दाताओं ने डेडलाइन से काफी पहले इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया था ताकि उनका रिफंड जल्द आ जाएगा। लेकिन, उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर थी। बाद में इसे एक दिन के लिए बढ़ाया गया था। लेकिन, जून- जुलाई में रिटर्न फाइल करने वाले कई टैक्सपेयर्स का रिफंड अब तक नहीं आया है। खास बात यह है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनके रिटर्न को प्रोसेस तक भी नहीं किया है।
16 सितंबर से काफी पहले रिटर्न फाइल करने वाले एक टैक्सपेयर ने बताया, “मैंने जुलाई में रिटर्न फाइल किया था। लेकिन, रिफंड का पैसा अब तक मेरे बैंक अकाउंट में जमा नहीं हुआ है।” ऐसे कई करदाता है, जिनको उनका रिफंड अब तक नहीं मिला है, जबकि उन्होंने डेडलाइन से काफी पहले रिटर्न फाइल कर दिया था। इस रिफंड लेट होने की वजह से टैक्स प्रोफेशनल्स से उनके क्लाइंट रिफंड के बारे मे बार बार पूछ रहे है।
रिटर्न के वेरिफिकेशन पर इस बार ज्यादा फोकस
वैसे देखा जाए तो आम तौर पर रिटर्न की प्रोसेसिंग 25 से 35 दिन मे हो जाती है लेकिन सूत्रों के अनुसार इसे रिटर्न जिनमें कैपिटल गेंस, फॉरेन एसेट्स या ज्यादा डिडक्शंस होता है, उनके प्रोसेसिंग में समय लगता है।” ओल्ड टैक्स रीजीम में रिटर्न फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स जिनका डिडक्शंस ज्यादा है उनका अतिरिक्त वेरिफिकेशन होता है क्योंकि पहले के सालों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ऐसा प्रतीक होता है कि कई करदाताओं ने फर्जी तरीके से 80c और अन्य डिडक्शन प्राप्त किया है जिसके वे पात्र नहीं है।
इसलिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न फॉर्म की यूटिलिटी मे काफी सारे बदलाव किए है जिससे करदाता द्वारा कटौती के दावों की सही और सटीक जानकारी प्राप्त हो सके।
एक से ज्यादा इनकम के स्रोत वाले रिटर्न की प्रोसेसिंग में देर
ज्यादा अमाउंट के रिफंड्स, एक से ज्यादा इनकम के स्रोत वाले रिटर्न, फॉरेन इनकम और फॉर्म 26एएस/एआईएस में मिसमैच वाले रिटर्न का अतिरिक्त वेरिफिकेशन हो सकता है। कई मामलों में बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट नहीं होने की स्थिति में भी रिफंड में देर होती है। हालांकि, ज्यादातर टैक्सपेयर्स इन छोटी गलतियों का ध्यान रखते
एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्सपेयर्स को रिफंड के लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है।
सुझाव:
- कर दाता यह सुनिश्चित कर दे कि आप ने http://www.incometax.gov.in पर अपना रिटर्न ई वेरिफिकेशन कर दिया है, जिससे आपका रिटर्न जल्दी प्रोसेस हो सके।
- कर दाताओं को यह भी ध्यान रखना है कि आपका बैंक खाता इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ वैलिड/लिंक है। कई बार बैंक के वाई सी के कारण या बैंक ifsc के कारण भी बैंक खाता फैल हो जाता है।
- कर दाताओं को अपनी प्रोफाइल में जा कर अपने द्वारा फाइल किया गया रिटर्न की स्थिति को भी चेक करना है कई बार इनकम टैक्स विभाग की तरफ से रिटर्न को लेकर संदेश या ई मेल आता है लेकिन कर दाताओं द्वारा ध्यान नहीं रखा जाता है जिससे सूचना नहीं मिल पाती है। इसलिए रिटर्न को भी चेक करना चाहिए कि कोई नोटिफिकेशन तो नहीं है।
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