Income Tax Department 3 साल से ज्यादा पुराने केस नहीं खोल सकता: दिल्ली हाईकोर्ट


Income Tax department 3 साल से ज्यादा पुराने केस नहीं खोल सकता : दिल्ली हाईकोर्ट 

Income Tax News : इनकम टैक्स के एक मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 3 साल से पुराने और 50 लाख से कम के आयकर मामले में री-असेसमेंट नहीं हो सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस भेजने की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए धारा 148 के तहत फैसला सुनाया है।

इस फैसले से हजारो करदाताओं को फायदा होने की उम्मीद है कोर्ट ने कहा कि 50 लाख से कम आय के मामलों में 3 साल से ज्यादा सीमा अवधि लागू होनी चाहिए।

वित्तीय वर्ष 2015 -16 और 2016 -17 के लिए कई रिट याचिकाओं का जवाब देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में माना है कि आयकर इनकम टैक्स आकलन को फिर से खोलने के लिए दस साल की विस्तारित अवधि केवल गंभीर कर चोरी से जुड़े मामलो में लागू  होगा, जहां आय छुपाने का सबूत 50 लाख रुपए से अधिक है।

इस फैसले से हजारो करदाताओं को मदद मिलने की उम्मीद है।

बनाया गया था री-असेसमेंट को लेकर नया IT कानून

दरअसल, बजट 2021-22 के दौरान री-असेसमेंट को लेकर नया IT कानून बनाया गया था। जिसमें 6 साल से री-असेसमेंट समयसीमा को घटाकर 3 साल कर दिया गया था। 50 लाख से ज्यादा और सीरीयस फ्रॉड में 10 साल तक री-असेसमेंट हो सकती है। इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी कभी भी लोगों को पुराने मामले खोलकर नोटिस भेज देते थे। ऐसे में ये उनलोगों के लिए राहत भरी खबर है जिनको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस मिल जाता था। दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस भेजने की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए धारा 148 के तहत फैसला सुनाया है। जिससे वह समय के भीतर ही मामलों को फिर से खोलने के लिए नोटिस जारी कर सकता है।

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