जल्दी निवेश शुरू करें और कंपाउंडिंग का असली फायदा उठाएं – समझिए क्यों Early Investment है जरूरी।


जल्दी निवेश शुरू करें और कंपाउंडिंग का असली फायदा उठाएं, समझिए क्यों Early Investment है जरूरी।

निवेश का सबसे जरूरी नियम है —“Time is Money in Investing.”ज्यादातर सोचते हैं कि ज्यादा पैसा आने के बाद निवेश शुरू करेंगे, लेकिन सच यह है कि निवेश में सबसे बड़ा फर्क पैसा का नहीं, बल्कि समय का होता है। पैसा भले ही कम से शरू करें लेकिन जल्दी शुरुआत करें। जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना ज्यादा कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा

कंपाउंडिंग की ताकत (Power of Compounding) वही जादू है जो छोटी-छोटी रकम को भी समय के साथ बड़ा बना देती है।

कंपाउंडिंग क्या है? सरल भाषा में समझिए-

कंपाउंडिंग मतलब: आपके निवेश पर मिलने वाला ब्याज भी आगे ब्याज कमाए। जैसे-

उदाहरण के लिए:
अगर आपने ₹1,000 निवेश किया और 12% रिटर्न मिला, तो पहले साल आपको ₹120 ब्याज मिला। अगले साल ब्याज आपके ₹1,000 पर नहीं, बल्कि ₹1120 पर मिलेगा। यही चक्र हर साल चलता रहता है, और आपका पैसा तेजी से बढ़ता जाता है।

जल्दी निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा: समय ही आपका पैसा है

कंपाउंडिंग तभी काम करता है जब आप उसे लंबा समय देते हैं। यही कारण है कि जल्दी निवेश शुरू करने वाले लोग हमेशा लंबी अवधि के लिए निवेश करते है जो हमेशा आगे होते हैं।

एक सरल तुलना देखिए-

रमेश उम्र 20 साल हर महीने ₹2,000 निवेश करता है जिस पर लगभग 12% रिटर्न मान कर 20 साल के लिए 40 साल की उम्र तक म्यूचुअल फंड में निवेश किया। उसका कुल निवेश हुआ = ₹4,80,000
लेकिन फाइनल वैल्यू = लगभग ₹19 लाख

सुरेश उम्र 30 साल हर महीने ₹2,000 निवेश करता है जिस पर एवरेज 12% रिटर्न मिला और निवेश की अवधि : 30 से 50 साल (20 साल) की रही। उसका कुल निवेश = ₹4,80,000 हुए और फाइनल वैल्यू = सिर्फ ₹6.9 लाख

दोनों ने बराबर राशि डाली और बराबर समय तक निवेश किया, लेकिन फर्क सिर्फ इतना था कि रमेश ने 10 साल पहले शुरुआत की। और सुरेश ने 10 साल बाद। परिणाम यह हुआ कि रमेश के पास सुरेश से लगभग 3 गुना ज्यादा पैसा है यही कंपाउंडिंग की ताकत है।

इसलिए कहते हैं—”Start Small, Start Early”

बहुत से लोग ये गलती करते हैं कि वे निवेश टालते रहते हैं,
क्योंकि उन्हें लगता है कि अभी पैसे कम हैं। थोड़ा बहुत पैसा इक्कठे हो जाएंगे तब निवेश करेंगे लेकिन सच्चाई यह है कि छोटी रकम और लंबा समय = बड़ा फंड और ज्यादा रकम और कम समय = सीमित फंड इसलिए शुरुआत का समय ही असली गेम चेंजर साबित होगा।

जल्दी निवेश शुरू करने के 5 सबसे बड़े फायदे

  • कम रकम से बड़ा फंड बन सकता है

आप सिर्फ ₹500–₹1000 महीने की मामूली रकम से भी लंबी अवधि में बड़ा कॉर्पस बना सकते है।

  • उतार चढ़ाव का जोखिम कम हो जाता है

लंबे समय में मार्केट गिरावट का असर कम हो जाता है। जिससे आपके निवेश पर असर कम होता है।

  • लक्ष्य आसानी से पूरे होते हैं

अगर आपने अपने कोई लक्ष्य निर्धारित कर रखे है जैसे — घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, रिटायरमेंट प्लान आदि तो उसे आसानी से पूरा कर सकते है।

  • नियमित सेविंग की आदत बन जाती है

जल्दी निवेश सेविंग को ऑटोमैटिक बना देता है। और आपको याद रखने की जरूरत नहीं होती है।

  • कंपाउंडिंग को ज्यादा समय मिलता है

जितना लंबा समय निवेश को मिलेगा, उतना ही ज्यादा निवेश को ग्रोथ मिलेगी।

निवेश कैसे शुरू करें?

Step 1: एक छोटी राशि तय करें (₹500–₹1000 भी काफी है)

Step 2: एक SIP (Systematic Investment Plan) शुरू करें।

Step 3: Equity Mutual Fund या Index Fund चुनें

Step 4: हर महीने SIP ऑटो-डिडक्शन पर सेट कर दें।

Step 5: लंबी अवधि तक निवेश के साथ बने रहें 5–10–20 साल तक जैसी स्थिति हो। बस कंपाउंडिंग को अपना काम करने दीजिए।

निष्कर्ष:

सबसे अच्छा समय कल था और दूसरा सबसे अच्छा समय आज है इसलिए “निवेश समय पर नहीं, समय से जीतता है।” अगर आप आज से शुरू करते हैं चाहे छोटी रकम से ही तो आपका पैसा आने वाले सालों में खुद-ब-खुद बढ़ता रहेगा।

डिस्क्लेमर : उपरोक्त लेख में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान और वित्तीय साक्षरता के लिए विभिन्न स्रोतों से प्राप्त कर दी गई है किसी भी प्रकार का वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। Paisa Times किसी भी वित्तीय निर्णय के लिए सलाह नहीं देता है।

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